गायत्री माँ वरदान
आँवल खेड़ा की शान,
माता भगवती के प्रेरण से,
शिक्षा का अनुदान.
धवल, देश का भाल करें हम नव युग का निर्माण,
नव युग का निर्माण करें हम धवल देश का भाल
गुणी गुरुजन कल्याण हमारा प्रथम है उनका अभिनन्दन,
कुल गुरु माता भगवती देवी के चरणों में है वन्दन
वर्तमान से ही उभरेगा धवल भविष्य का सपना जो
पूर्ण करेगा युगनिर्माता की विश्वगुरु संकल्पना को ।
सार्थक जन्म प्रबोधन को
देश धर्म अनुशीलन को
मातृभूमि के अर्चन को.
कर्मक्षेत्र के वन्दन को ।
हम ये ध्वजा उठाती हैं.
संकल्प आज दोहराती हैं।
लक्ष्य हमारा पावन है.
नारी शक्ति का संवर्धन,
युवा चेतना जागृत करके,
लाना है नव परिवर्तन।
धवल, देश का भाल करें हम नव युग का निर्माण,
नव युग का निर्माण करें हम धवल देश का भाल ।
सदमारग और ज्योतिर्गमय शिक्षा के आधार हैं,
नवीन आधुनिक शिक्षा ही आत्मनिर्भर का प्रमाण है,
गौरवशाली लक्ष्य, भविष्य में उज्ज्वल करें जहाँन् को,
जहाँ जुड़ेगे वही करेंगे रोशन इसकी शान को
उच्च शिक्षा के अनुभव को
सर्वश्रेष्ठ नवजीवन को
मातृभूमि के अर्चन को.
कर्मक्षेत्र के वन्दन को ।
हम ये ध्वजा उठाती हैं.
संकल्प आज दोहराती हैं।
बुलबुल है हम गुलशन की
ये गुलशन की शान बने
युगों-युगों तक ये कुल-बुल
युगशक्ति का अभिमान बनें।
धवल, देश का भाल करें हम नव युग का निर्माण,
नव युग का निर्माण करें हम धवल देश का भाल।
नारी शिक्षा उत्प्रेरण को हमने लक्ष्य बनाया हैं,
युगशक्ति और राज्यव्यवस्था ने इसको अपनाया है,
महाविद्यालय का गौरव अब गूंज रहा है जनपद में,
गुरुकुल जैसा सुरम्यलोक आधारशिला है निधिवन मे ।
साहित्य, संस्कृति कर्म को,
युग चेतना के धर्म को
मातृभूमि के अर्चन को
कर्मक्षेत्र के वन्दन को
हम ये ध्वजा उठाती हैं.
संकल्प आज दोहराती हैं।
लक्ष्य हमारा पावन है.
नारी शक्ति का संवर्धन
युवा चेतना जागृत करके,
लाना है नव परिवर्तन ।
धवल, देश का भाल करें हम नव युग का निर्माण.
नव युग का निर्माण करें हम धवल देश का भाल।
रचयिता मनमोहन भारद्वाज
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